42 विधायकों की कुल जमा-पूंजी अगले विधानसभा से पहले फिर बदलेगा इसको मैं लिख कर देता हूं

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच कहा कि नीतीश कुमार को पूछता कौन है? ये तो बिहार में और बिहार के लोगों के मुख्यमंत्री हैं तो हमलोगों को बोलना पड़ता है। दूसरे राज्यों में क्या कोई संज्ञान ले रहा है कि नीतीश कुमार कौन है? आप जरा समझिए की नीतीश कुमार किसी नेता या दल को क्या ऑफर कर सकते हैं? बिहार में नीतीश कुमार इतना बड़ा चेहरा है नहीं, न ही इनकी कोई विचारधारा रह गई है। हर 6 महीने में ये पलट जाते हैं। नीतीश कुमार का पूरे देश में नाम है पलटूराम। गवर्नेंस के तौर पर भी देखें तो सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है बिहार। ऐसा तो होगा नहीं की केरल का कोई आदमी कहेगा कि हमें बिहार के जैसा बनाना है तो इसलिए नीतीश कुमार को नेता मान लें। नीतीश कुमार की कुल जमा पूंजी 42 विधायकों की है। न आपके पास राजनीतिक काबिलियत है न राजनीतिक इमेज है न सुशासन तो किस आधार पर आपको कोई नेता मानेगा? नीतीश कुमार ऐसे हवा हवाई किला बनाते रहते हैं। जब INDIA में अपने हिस्से का उन्हें नहीं मिला तो पिछले दरवाजे से वो भाग गए।

अगले विधानसभा से पहले ये फॉर्मेशन फिर बदलेगा इसको मैं लिख कर दे देता हूं। आज जिस फॉर्मेशन में बिहार में जो व्यवस्था है जिसमें नीतीश कुमार चेहरा हैं BJP सपोर्टर की भूमिका में है और दूसरे साइड RJD हैं जिसे सपोर्ट कांग्रेस कर रही है तो मैं आप सभी को बता देता हूं कि इस फॉर्मेशन में चुनाव नहीं होगा।

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