नीतीश ने जीता विश्वास मत ,जीरो के मुकाबले 130 विधायकों का समर्थन उन्हें अभी हासिल है

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 130 के समर्थन से अपना सरकार बचा लिया ,वोटिंग के ठीक पहले नीतीश के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए पार्टियाँ के  हिसाब से सरकार को 128 विधायकों का समर्थन था लेकिन उसे 129 वोट पड़े और एक विधायक उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर नीतीश के समर्थन में 130 वोट जबकि राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, प्रहलाद यादव और नीलम देवी नीतीश के समर्थन में उनके तरफ जाकर बैठ गए

महत्वपूर्ण यह है कि राजद के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान सरकार के साथ 125 विधायक खड़े हुए थे ,सरकार के फ्लोर टेस्ट पर वोटिंग तक यह संख्या बढ़कर 129 हो गई, स्पीकर को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग में 125 विधायकों ने समर्थन दिया जिसमें विपक्ष के 112 ही रहे | इस दरमियान आरजेडी खेमा  के तीन विधायक चेतन आनंद ,प्रहलाद यादव और नीलम देवी सत्ता पक्ष के साथ जा बैठे थे |

सूत्र के अनुसार जो जानकारी मिल रही है  उसके अनुसार सत्ता पक्ष के  विधायक दिलीप राय फ्लोर  टेस्ट की वोटिंग में नहीं रहे जबकि महेश्वर हजारी सदन के चेयर पर बैठे हुए थे 126 सत्ता पक्ष के  और तीन राजद के कुल 129 वोट और अगर महेश्वर हजारी को जोड़ लिया जाए तो नीतीश सरकार को 130 विधायकों का समर्थन अभी प्राप्त है इसके पहले स्पीकर को हटाने के लिए सरकार के साथ 125 विधायकों के खड़े होने से साफ हो गया था कि नीतीश के पास बहुमत है और सरकार के विश्वास मत पर बहस के बाद मत विभाजन एक औपचारिकता मात्र है |

विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा का संचालन की शुरुआत की और अपने खिलाफ दिए गये अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस की जानकारी देने के बाद संचालन का काम उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को सौंप दिया बहस  के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव और  विपक्षी दलों के नेताओं ने नीतीश पर खूब हमले किये और  दूसरी तरफ विजय कुमार चौधरी ,विजय सिन्हा  और सम्राट चौधरी ने भी नीतीश के समर्थन में राजद के सरकार और लालू यादव पर जोरदार टिप्पणी की |

 

इस बीच चेतन आनंद ने कहा कि तेजस्वी यादव मेरे बड़े भाई हैं तो तेजस्वी यादव ने भी उन्हें अपना छोटा भाई बताते हुए  यह कह दिया कि अगर उनसे किसी तरह की मदद चाहिए तो वह हमेशा तैयार रहेंगे ,चेतन आनंद बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं अपने परिवार से मिलना चाह रहा था लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया और मुझे रोक कर रखा गया जब मुझ पर ही भरोसा नहीं है तो आखिर हम उसे खेमे में किस हिसाब से रहते हैं ,दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि मनोज झा ने जिस तरह से ठाकुर जाति को अपमानित किया उनके परिवार को टारगेट करके बयान दिया ,यह बहुत ही दुखद था | कुल मिलाकर कहा जाए तो आज के विश्वास मत में जहां एक तरफ नीतीश सरकार की जीत हुई तो दूसरी तरफ  तेजस्वी यादव को अपने ही लोगों ने धोखा दे दिया जिसके वजह से आंकड़ों के खेल में तेजस्वी यादव बुरी तरह पराजित हो गए | उनके ही दल के तीन विधायक सत्ता पक्ष में बैठकर उनका  खेल बिगाड़ दिया |

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