भारत रंग महोत्सव के तहत थिएटर का कालिदास रंगालय में शुभारम्भ

पटना में आज से भारत रंग महोत्सव के तहत थिएटर फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है. ये उत्सव आज से शुरू होकर 19 फ़रवरी तक चलेगा।
कला एवं संस्कृति विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर ने द्वीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख सूचना आयुक्त श्री त्रिपरारी शरण सिंह तथा श्री हरिकेश सुलभ भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्य्रकम की शुरुआत ‘दोजख’ नाटक से हुई जिसका निर्देशन और लेखन श्री साजिदा साजी ने किया है.

‘दोजख’ नाटक तहमीना दुर्रानी के उपन्यास ‘ब्लासफेमी’ से प्रेरित है और इस नाटक के जरिए ये दिखाया गया है कि कैसे शक्तिशाली लोगों द्वारा धर्म के नाम पर ऐसे लोगों को भड़काया और उकसाया जाता है जो अपने धर्म का सही अर्थ और मतलब नहीं जानते और पैसे और पावर में बैठे लोगों के कहने पर कुछ भी कर गुजरते हैं. इसमें नाटककार और लेखक दोनों ने ‘अज़ान’ के साथ नाटक की शुरुआत की है।

इसमें हीर की दर्दनाक और आघातपूर्ण कहानी है जिसकी पीर साईं जो एक भ्रष्ट व्यक्ति है, उसके साथ 15 साल में शादी हो जाती है. पूरे जीवन भर, पीर साईं ने धर्म के नाम पर ‘कमजोर’ और अज्ञानी लोगों का शोषण किया और जिन लोगों ने उसके खिलाफ किसी भी प्रकार का विद्रोह किया, उन्हें उसने दबा दिया ताकि अन्य कोई ऐसा न कर पाए.पीर साईं के इस जाल में काली, गुप्पी, टोटी, तारा, छोटे सेन, सखी बाबा, और यतिमरी, चील आदि सभी फस गए और इसी गंदे सिस्टम का हिस्सा बन गए.

इस नाटक के जरिए श्री साजिदा ने इस बात की स्पष्ट तस्वीर पेश की है कि कैसे हीर ने पीर सेन के साथ इस यात्रा में अपनी मासूमियत और सब कुछ खो दिया। कल पटना में शाम 6:30 बजे से अशरसया प्रोथोम डिबोस का मंचन किया जाएगा।

इस बार भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) अपना 25वां वर्ष मना रहा है। ये महोत्सव 1 फ़रवरी से 21 फ़रवरी तक भारत के 15 शहरों में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर और श्रीनगर आदि शहर शामिल हैं. इस 21 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टरक्लास शामिल हैं। इस वर्ष भारत रंग महोसव की रजत जयंती मनाई जा रही है। इस वर्ष भारंगम की विषयवस्तु “वसुधैव कुटुंबकम्-वंदे भारंगम् है । यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भाव को समृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य का प्रतिरूप है । इस प्रदर्शन कला के माध्यम से विविध संस्कृतियों को एक साथ लाते हुए, एक साझा वैश्विक परिवार की भावना विकसित करने का उद्देश्य है।

इस अवसर पर राष्टीय नाट्य विद्यालय के फैकल्टी मेंबर आसिफ अली हैदर खान ने अतिथियों का स्वागत किया।

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