शीतकालीन सत्र में शिक्षा व रोजगार के सवाल पर सरकार को घेरेगा माले

न्यूज़ डेस्क –   विधानसभा के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर माले विधायक दल कार्यालय में विधायक दल की बैठक हुई. बैठक में माले विधायक दल के प्रभारी राजाराम सिंह, विधायक दल के नेता महबूब आलम सहित सत्यदेव राम, अरूण सिंह, महानंद सिंह, रामबलि सिंह यादव, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, अमरजीत कुशवाहा, अजीत कुशवाहा, संदीप सौरभ, सुदामा प्रसाद, मनोज मंजिल आदि विधायक उपस्थित हुए.
विधायक दल ने शीतकालीन सत्र में ज्वलंत सवालों पर सरकार को घेरने और इन मुद्दों पर विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने का निर्णय लिया.
बैठक से लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि शराबबंदी पर सरकार के ढोंग को हमने एक नंबर पर रखा है. जहरीली शराब ने विगत कुछ महीनों में 64 से अधिक लोगों की जिंदगी हमसे छीन ली. हमने बार-बार कहा है कि इसके पीछे राजनेताओं-प्रशासन व शराब माफियाओं का गठजोड़ है, इसलिए उसकी जांच कराई जाए. लेकिन सरकार इससे लगातार पीछे भागते रही है और गरीबों पर जुल्म ढा रही है. जहरीली शराब कांड के बाद एक बार फिर से पुलिस आम लोगों व गरीबों पर कहर बनकर टूट पड़ी है.
पुलिस की बेशर्मी यहां तक बढ़ गई है कि बिना महिला पुलिस के शादी के लिए तैयार हो रही दुल्हन के कमरे में छापामारी करके लोगों को परेशान व लज्जित कर रही है. दूसरी ओर, शराब माफियाओं को बचाया जा रहा है. हम एक बार फिर से राजनेता-प्रशासन-शराब माफियाओं के गठजोड़ की जांच की मांग करेंगे. जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवाजा का भी सवाल हमारा एक मुद्दा होगा.

पलायन बिहार की एक सामान्य परिघटना बनी हुई है. जम्मू-कश्मीर से लेकर हर जगह बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले हो रहे हैं. उत्तराखंड में भूस्वखलन से प्रवासी मजदूर मारे गए. प्रवासी मजदूरों के लिए कानून बनाने और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा हमारा दूसरा प्रमुख मुद्दा होगा.

बिहार में बदतर हालत में पहंुच चुकी शिक्षा व्यवस्था दिन-प्रतिदिन और लगातार नीचे गिरते जा रही है. कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग रहे हैं. राजभवन भी इस घेरे में है. शिक्षक समुदाय से लेकर हर तबका रोजगार के लिए सड़क पर है, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. शिक्षा व रोजगार के सवाल पर सरकार को जबरदस्त रूप से घेरा जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं. लेकिन एमएसपी को कानूनी दर्जा देने व बिहार में मंडी व्यवस्था लागू करने, धान खरीद, खाद, गन्ना किसानों आदि के सवाल अभी शेष हैं. विधानसभा में हम इन सवालों पर सरकार से जवाब मांगने आ रहे हैं.

रोसड़ा से लेकर राज्य के विभिन्न इलाकों में बढ़ती पुलिसिया कार्रवाई व अपराध आज के बिहार का सच है. तथाकथित सुशासन की सरकार आज पुलिस राज में तब्दील हो गई है. जब से ड्रैकोनियन पुलिस एक्ट आया है, पुलिस की तानाशाही और बढ़ गई है. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफाजत हेतु भाकपा-माले सदन से लेकर सड़क तक प्रतिबद्ध है.

भाकपा-माले विधायक दल भाजपा समर्थक फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत से पद्मश्री का अवार्ड वापस लेने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित करने का मुद्दा उठाएगी. हम भाजपा-संघ द्वारा देश के शहीदों के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह विडंबना है कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने वाली सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो देश की आजादी को ही खारिज करने पर ही तुले हुए हैं.

पार्टी कार्यालय और विधायकों के आवास को लेकर सरकार और विधानसभा के अध्यक्ष की दोहरी और भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ माले के विधायक विधानसभा के मुख्यमंत्री कक्ष के समक्ष धरना देंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed