सात निश्चय के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करें

न्यूज़ डेस्क –   मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की।


बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव  संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने सिकरहना नदी के दायें किनारे तटबंध निर्माण का कार्य, बख्तियारपुर में गंगा की धार का पुनर्स्थापन कार्य, टाल विकास योजना, कोसी -मेची लिंक योजना, उत्तर कोयल जलाशय परियोजना, उत्तर बिहार की बाढ़ एवं जल जमाव की समस्या, दक्षिण बिहार की सिंचाई एवं बाढ़ की समस्या, गंगा जल उद्वह योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने की योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत गंगा जल उद्वह योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस योजना को निर्धारित समय में पूर्ण करें। जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग आपस में समन्वय बनाकर तेजी से इस योजना को पूर्ण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं इसको लेकर व्यवहारिक आकलन कराएं। छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे लोगों को सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी। नदियों में गाद की समस्या के समाधान हेतु गाद प्रबंधन के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को ससमय पूरा करें।


बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस0सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल सहित जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं अभियंता जुड़े हुए थे।

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