सरकार अगर नहीं मानी तो 4 मार्च से बिहार के सभी महाविद्यालयों में कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेगें

न्यूज़ डेस्क —  स्थानीय श्रीचंद उदासीन महाविद्यालय में मंगलवार से लगातार जारी राज्यव्यापी निश्चित कालीन हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 13 सूत्री मांगों में से एक दो मांगो पर सरकारी महकमे में कुछ सुगबुगाहट है। लेकिन ज्यादातर मांगों पर बिहार सरकार का रुख अबतक गैरजिम्मेदाराना ही दिख है। इस बाबत एस यू कॉलेज शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 राजीव नयन सिंह, जिलाध्यक्ष अरुण प्रसाद,महाविद्यालय के कोषाध्यक्ष रोनित रॉय ने संयुक्त रुप से बताया कि इस स्ट्राइक की मुख्य मांगे 7 वें वेतनमान के अंतर राशि का भुगतान, बिहार सरकार के पे वेरिफिकेशन सेल द्वारा विश्वविद्यालय से स्वीकृत वेतनमान से छेड़छाड़,उम्र सीमा 62 से 65 वर्ष किये जाने में आनाकानी, प्रोमोशन व संविदा कर्मियों को नियमित करने जैसे मामले पर बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री व अधिकारियों का रवैया काफी टाल मटोल करने वाला है। महासंघ के पाटलिपुत्र जोन के अध्यक्ष दीपक कुमार,वेंकटेश कुमार,विनोद सिंह,अरविंद महिला कॉलेज के कर्मचारी नेता रोहित कुमार ने फोन पर बताया कि चरणबद्ध तरीके से जारी आंदोलन में अब आगामी 15 फरवरी को सेल का घेराव एवं विधानसभा के सत्र के समय उसके घेराव की रणनीति तैयार की जा रही है। सरकार इसी तरह कर्मचारी विरोधी नीति पर कायम रही तो आगामी 4 मार्च से बिहार के सभी महाविद्यालयों में कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाने को बाध्य होंगे और कॉलेजों में इस लॉकडाउन के लिए कोरोना नहीं सरकार की गलत नीतियां जिम्मेवार होंगी। मौके पर लाइब्रेरियन कुमार पवन,आलोक कुमार सिंह,बजरंगी लाल वर्मा,उमेश चौधरी,कुमारी सुनीता सिन्हा,शैलेश कुमार,मुनील पटेल,गुड्डू,रामप्रवेश यादव व अवकाश प्राप्त कर्मी राजकुमार प्रसाद व अन्य उपस्थित थे।

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