“वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी की बर्खास्तगी को लेकर नीतीश ने की राज्यपाल से अनुसंशा ,बीजेपी की तरफ से आया था प्रस्ताव

और आखिरकार मुकेश सहनी की बर्खास्गी को लेकर फैसला हो ही गया ,पहले उनके दल के सभी विधायकों को bjp ने अपने दल में शामिल कर लिया तो दूसरी ओर अब मंत्री पर कई तरह के आरोप लगाकर उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी करने की सिफारिश मुख्यमंत्री नीतीश से कर दी जिसे नीतीश ने स्वीकार करते हुए राज्यपाल को भेज दी जिसपर मुहर लगनी तय है |

इधर bjp के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पार्टी के छोटे बड़े सभी नेता मुकेश सहनी के क्रियाकलाप पर ऊँगली उठाते हुए उनके कार्यकाल की जांच की मांग कर दी है ,bjp के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि “वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी जी राजनीति में आने से पहले फिल्मों में करियर बना रहे थे और जब राजनीति में आए तो उन्होंने खुद का तमाशा बना दिया। मुकेश सहनी एक मंत्री के तौर पर बुरी तरह से असफल रहे जबकि उनके पास अवसर था की मछुआरा समाज और दलित एवं अति पिछड़ा समाज का कल्याण करते, उनके हित में बड़े निर्णय लेते।

निखिल आनंद ने कहां है कि सहनी ने बिहार में फिशरीज कोऑपरेटिव को भी ध्वस्त कर दिया और मछुआरा समाज को भी बुरी तरह से ठगने का काम किया। राष्ट्रीय नेता बनने के चक्कर में उत्तर प्रदेश जाकर चुनाव लड़े जो उनकी महत्वाकांक्षा के लिहाज से अच्छी बात है लेकिन उन्होंने जिस तरीके से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी के नाम का उल्लेख करते हुए अमर्यादित टिप्पणियां की वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आज मुकेश सहनी के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसके जिम्मेदार वे खुद हैं। राजनीति में आकर फिल्मी स्टाईल में ओवरनाईट स्टार व सेंसेशन बनने के चक्कर में मुकेश सहनी ने अपना बेड़ा गर्क किया और खुद की राजनीति की नैया डुबो ली है।”

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