भारत-नेपाल रेल परियोजना के तहत् प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन सेवा की होगी पुनर्बहाली

02 अप्रैल, 2022 को श्री नरेन्द्र मोदी, माननीय प्रधानमंत्री एवं नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउवा द्वारा हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था के बीच नव आमान परिवर्तित रेल लाईन पर ट्रेन सेवा की पुनर्बहाली की जाएगी ।

भारत वर्षों से नेपाल का स्थाई विकास का साझेदार रहा है । भारत और नेपाल हिमालय पर्वत से जुड़े हैं, तराई के खेत-खलिहानों से जुड़े हैं, छोटी-बड़ी दर्जनों नदियों से जुड़े हुए हैं और खुली सीमा से भी जुड़े हुए हैं । लेकिन बदलते परिदृश्य में सिर्फ इतना ही काफी नहीं है और यह दोनों देश के लिए अत्यंत गौरव की बात है कि भारत और नेपाल 02 अप्रैल को एक बार पुनः रेलवे से जुड़ जाएंगे।

यह सिर्फ एक रेल सेवा ही नहीं होगी बल्कि यह दोनों देशों की सदियों पुराने द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने के साधन के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा । दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आए, इसके लिए कनेक्टिविटी अहम है । यही कारण है कि भारत और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है जिससे आर्थिक संपन्नता आएगी ही, आपसी संपर्क भी बढेगा । इससे भारत से नेपाल के जनकपुर धाम जानेवाले तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा होगी। इस रेल सेवा के शुरू हो जाने के बाद न केवल यात्रा सुगम होगी वरन् व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों के आवागमन में भी सुविधा होगी एवं सीमावर्ती क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।

विदित हो कि भारत और नेपाल के बीच लगभग 784 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से निर्माणाधीन जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास (69.08 किमी) रेल परियोजना के तहत् प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित 34.50 किलोमीटर लंबे जयनगर-जनकपुर धाम/कुर्था (नेपाल) रेलखंड पर टेªन का परिचालन पुनर्बहाल किया जाएगा। इस परियोजना के पहले चरण में बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर स्टेशन को नेपाल के कुर्था से जोड़ा जा रहा है। कुर्था से बीजलपुरा तक लगभग 18 किमी लंबे रेलखंड का भी कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है जबकि बीजलपुरा से बर्दीबास तक लगभग 16 किमी लंबे रेलखंड के निर्माण का कार्य नेपाल सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के उपरांत प्रारंभ कर दिया जाएगा । यह परियोजना दोनों देशों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा ।

वर्ष 1937 में भारत के जयनगर और नेपाल के बैजलपुर के मध्य नैरो गेज पर टेªनों के परिचालन की शुरूआत की गयी थी । वर्ष 2001 में नेपाल में आयी भीषण बाढ त्रासदी़ में कुछ रेलपुलों के बह जाने के कारण नेपाल में जनकपुर से आगे ट्रेन सेवा बंद करना पड़ा था जबकि जनकपुर से जयनगर तक मार्च, 2014 तक ट्रेनों का परिचालन जारी रहा । भारत सरकार एवं नेपाल सरकार के आपसी समझौते के तहत् जयनगर-बैजलपुरा-बर्दीबास के बीच नई बड़ी रेल लाईन स्थापित करने का निर्णय लिया गया । यह परियोजना विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है ।

जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना बिहार के मधुबनी जिला एवं नेपाल के धनुसा, महोतारी और सिरहा जैसे कृषि योग्य एवं सघन आबादी वाले जिले से गुजरता है । प्रथम चरण में पूर्ण जयनगर-कुर्था रेलखंड के बीच इनरवा स्टेशन, खजुरी स्टेशन, महिनाथपुर हॉल्ट, बैदेही स्टेशन, परवाहा हॉल्ट, जनकपुर धाम स्टेशन बनाए गए हैं । इस रेलखंड पर भारत के जयनगर एवं नेपाल के इनरवा स्टेशनों पर कस्टम चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं

 

ज्ञातव्य हो कि भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा के दौरान निम्नलिखित पहचान पत्रों में से कोई एक फोटो युक्त पहचान पत्र मूल रूप में रखना अनिवार्य होगा –

1. वैध राष्ट्रीय पासपोर्ट
2. भारत सरकार/राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए जारी किये गये फोटोयुक्त पहचान पत्र
3. भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र
4. नेपाल स्थित भारतीय दूतावास/भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा जारी किये गये इमरजेंसी सर्टिफिकेट/आइडेंटिटी सर्टिफिकेट
5. 65 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के व्यक्तियों के पास उनकी उम्र और पहचान की पुष्टि के लिए फोटोयुक्त दस्तावेज जैसे – पैन कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस, सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड इत्यादि होने चाहिए ।
6. एक परिवार के मामले में, किसी एक वयस्क के पास उपर्युक्त 1 से 3 में वर्णित कोई एक दस्तावेज हो, तो अन्य सदस्यों को परिवार से उनके संबंध दर्शाने वाले फोटो युक्त पहचान पत्र जैसे सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस, स्कूल/कॉलेज द्वारा जारी आईडी कार्ड इत्यादि हो तो उन्हें यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है।

 

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