किसानों की हरसंभव सहायता के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध: डीएम

1. जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा दिए गए निदेश पर जिला में पिछले दो दिनों में 72 राजकीय नलकूपों की मरम्मती की गई है। ये सभी नलकूप विद्युत दोष के कारण अकार्यरत थे।

2. विदित हो कि जिले में कुल 975 राजकीय नलकूप हैं जिसमें 533 कार्यरत एवं 442 अकार्यरत थे। अकार्यरत नलकूपों में 106 विद्युत दोष, 87 यांत्रिक दोष, 121 संयुक्त दोष एवं 128 अन्य दोषों के कारण बंद थे।

3. 72 नलकूपों की मरम्मती के पश्चात 975 राजकीय नलकूपों में से 605 नलकूप कार्यरत हो गए हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष 370 नलकूपों की जाँच एवं मरम्मती का कार्य तीव्र गति से जारी है। नलकूपों की मरम्मती से किसानों को सिंचाई हेतु अधिक विकल्प उपलब्ध होगा।

4. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि राजकीय नलकूप की जाँच एवं मरम्मती हेतु प्रखंड-स्तरीय दलों का गठन किया गया है। इस दल में लघु सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता, विद्युत विभाग के कनीय अभियंता, पंचायत सचिव, कृषि विभाग के कर्मी एवं अन्य शामिल हैं। यह दल सभी राजकीय नलकूपों का सत्यापन कर विद्युत-यांत्रिक दोष होने पर उसकी मरम्मती कर नलकूपों को कार्यशील करेगा।

5. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी इसका दैनिक पर्यवेक्षण करेंगे तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारी इसका नियमित अनुश्रवण करेंगे।

6. गौरतलब है कि डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर जिले के विभिन्न पंचायतों में जिला स्तर/अनुमंडल स्तर एवं प्रखंड/अंचल स्तर के पदाधिकारियों द्वारा ‘‘राजकीय नलकूपों, प्रखण्डों में अधिष्ठापित वर्षापात यंत्र, कृषि विद्युत फीडर, उर्वरक की उपलब्धता, सुखाड़ की स्थिति में वैकल्पिक बीज की उपलब्धता, रोपणी की स्थिति एवं कैनाल आदि का स्थलीय भ्रमण कर नियमित तौर पर निरीक्षण किया जा रहा है। दिनांक 04 अगस्त, 2022 को 102 पदाधिकारियों को विभिन्न पंचायतों में प्रतिनियुक्त किया गया था। जाँच के क्रम में स्थानीय लोगों, कृषकों का फीडबैक भी प्राप्त किया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि निरीक्षी पदाधिकारियों के प्रतिवेदन के आधार पर त्वरित अग्रेतर कार्रवाई की जाती है।

7. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों की हर संभव सहायता के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। अल्पवृष्टि के मद्देनजर सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं सक्रिय है। सिंचाई के लिए डीजल अनुदान में प्राप्त आवेदनों को तीव्रतम गति से निष्पादित किया गया है। किसानों के बैंक खाते में लाभ पहुँचेगा। कृषि फीडर से 16 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। जिले में उर्वरक की कोई किल्लत नहीं है। खरीफ, 2022 के लिए पटना जिला में यूरिया 41,501 एमटी के विरूद्ध 16,286 एमटी जुलाई, 22 तक प्राप्त हो चुका है। वर्तमान में जिला के 342 प्रतिष्ठानों में 89,371 बैग (4021.685 एमटी) अवशेष पड़ा हुआ है। खरीफ मौसम में 41,501 एमटी लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत यूरिया प्राप्त होनी है। इस प्रकार जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता होगी। सभी किसान भाईयों से अनुरोध है कि यूरिया को लेकर किसी भी प्रकार का संदेह नहीं करें। वर्तमान में जितनी आवश्यकता हो उतनी ही यूरिया प्राप्त किया जाए। हर समय यूरिया की उपलब्धता रहेगी।

8. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि फसल आच्छादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, विद्युत कार्य अभियंता, परियोजना ग्रामीण, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता कैनाल डिविजन, कार्यपालक अभियंता सोन नहर प्रमंडल, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सहित सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी किसानों की सहायता के लिए हमेशा मुस्तैद हैं।

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