डीएम ने अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज का किया निरीक्षण, एक लिपिक को किया निलंबित

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज का नियमित निरीक्षण किया गया। उन्होंने आम लोगों से फीडबैक प्राप्त किया तथा लोक सेवा केंद्र, लोक शिकायत निवारण कार्यालय, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, निर्वाचन कार्यालय, आपूर्ति शाखा सहित विभिन्न शाखाओं एवं कार्यालयों का निरीक्षण किया, पदाधिकारियों एवं कर्मियों की उपस्थिति की जांच की, उनका परिचय प्राप्त किया तथा उनके दायित्वों एवं कार्यों की जानकारी ली।

1. सबसे पहले पूर्वाह्न 10.45 बजे ज़िलाधिकारी औचक निरीक्षण पर अवर निबंधन कार्यालय, बिक्रम पहुँचे एवं वहाँ आगंतुकों के लिए जन सुविधाओं, शेड, काउण्टर इत्यादि का निरीक्षण किया। व्यवस्था संतोषजनक पायी गई। डीएम डॉ. सिंह ने वातानुकूलित मे आई हेल्प यू बूथ एवं वातानुकूलित शेड निर्माण कार्य में तेजी लाने का निदेश दिया। उन्होंने लोक सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया। इसके बाद जिलाधिकारी अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज पहुँचे एवं वहाँ निरीक्षण किया।

2. समीक्षा के क्रम में डीएम ने पाया कि लिपिक श्री जितेन्द्र सिंह, नाजिर अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज अनधिकृत रूप से अनुपस्थित है। अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वे 30 जुलाई, 2022 तक अवकाश पर थे परन्तु अवकाश समाप्ति के बाद भी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए हैं। उनके बारे में यह भी बताया गया कि वे आदतन कार्यालय से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते है। इस कारण कार्यालय कार्यों में बाधा आती है। डीएम ने कहा कि अनुमंडल का निरीक्षण एक महीने पूर्व से निर्धारित था। नाजिर श्री सिंह के अनुपस्थित रहने के कारण नजारत संबंधी मामलों की पूर्ण समीक्षा नहीं हो पाई। नजारत की सामान्य समीक्ष के क्रम मे यह पाया गया कि अनुमंडलीय नजारत शाखा में लगभग 1,71,12,959 (एक करोड़ एकहत्तर लाख बारह हजार नौ सौ उनसठ) रुपया से अधिक की अवशेष राशि पड़ी हुई है जबकि इसे सरकारी खजाने में जमा कर देना चाहिए था। डीएम ने इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में ही सरकार का स्पष्ट निदेश था कि जिस राशि का उपयोग नहीं किया जा सकता है या जो योजनाएँ बंद हो चुकी है, उन योजनाओं की अवशेष राशि को संबंधित शीर्ष में जमा कर देना है। डीएम ने इस लापरवाही पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की। कार्यालय से अनधिकृत अनुपस्थिति, कार्य में लापरवाही एवं विŸाीय निदेशों के उल्लंघन के आरोप में डीएम डॉ. सिंह ने नाजिर श्री जितेन्द्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को नाजिर के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए प्रपत्र ‘क’ गठित कर उपलब्ध कराने का निदेश दिया। डीएम ने जिला लेखा पदाधिकारी को भी निदेशित किया कि वे अनुमंडल के नजारत का गहन निरीक्षण कर शीघ्र प्रतिवेदन समर्पित करें।

3. अनुमंडल कार्यालय के निरीक्षण के क्रम में डीएम ने विभिन्न सेक्शन के कार्यों का अवलोकन किया। अनुमंडल पदाधिकारी, पालीगंज द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने स्थापना, लेखा, अंकेक्षण, नजारत, आपूर्ति, राजस्व, कल्याण, आपदा प्रबंधन, विधि, सेवापुस्त का संधारण, रोकड़ बही, पेंशन नीलामपत्र, लोक सूचना का अधिकार, जन शिकायत सहित विभिन्न संचिकाओं/पंजियों को देखा तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया।

4. अनुमंडल पदाधिकारी, पालीगंज श्री मुकेष कुमार द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में अनुमंडल के संबंध में विभिन्न तथ्यों को लाया गया। अनुमण्डल कार्यालय, पालीगंज पटना जिला मुख्यालय से पश्चिम-दक्षिण दिशा में राजकीय उच्च पथ संख्या-139 पर 55 किलो मीटर की दूरी पर अवस्थित है। पालीगंज अनुमण्डल कार्यालय अन्तर्गत तीन प्रखण्ड यथा पालीगंज, दुल्हिन बाजार एवं बिक्रम है। इसी प्रकार इस अनुमण्डल अन्तर्गत छः थाना यथा बिक्रम, रानीतलाब, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, सिगोड़ी एवं खिरी मोड़ है। साथ हीं पालीगंज प्रखण्ड अन्तर्गत पियरपुरा थाना स्थापित करने हेतु एक प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमण्डल कार्यालय की चौहद्दी निम्नप्रकार हैः -उŸार-दानापुर अनुमण्डल का बिहटा प्रखण्ड, दक्षिण-जहानाबाद जिला का करपी प्रखण्ड, पूरब-पुनपुन नदी एवं मसौढ़ी अनुमण्डल, पश्चिम-सोन नदी एवं भोजपुर जिला।

5. पालीगंज अनुमण्डल का सृजन एवं ऐतिहासिक महत्व:-अनुमंडल पदाधिकारी, पालीगंज श्री मुकेष कुमार द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में अनुमंडल के संबंध में सभी तथ्यों को लाया गया। अनुमंडल कार्यालय, पालीगंज का सृजन दिनांक 30 मार्च, 1999 को किया गया था।

6. इस अनुमण्डल के दुल्हिन बाजार प्रखण्ड अन्तर्गत ऐतिहासिक पौराणिक उलार सूर्य मंदिर है। जिसमें दूर-दराज एवं अनेको स्थानों से छठ पर्व करने श्रद्धालु आते हैं।यह पौराणिक काल का सूर्य मंदिर है। साम्व पुराण में यह उल्लेख है कि जामवंती पुत्र राजा साम्व द्वारा की गयी आराधना से उनका रोगग्रस्त शरीर निरोग हो गया था। श्रद्धालुओं में ऐसी आस्था है कि उलार्क सूर्यमंदिर में छठ व्रत करने से मनोरथपूर्ण होता है। इसलिए छठव्रत के अवसर पर यहॉ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है और बहुत हीं दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं। इसके अतिरिक्त सालो भर यहॉ श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। इस क्षेत्र के भरतपुरा में गोपालनारायण सार्वजनिक पुस्तकालय -सह- संग्रहालय है। इस पुस्तकालय में करीब पॉच हजार पाण्डुलिपियॉ (सचित्र), एक हजार दुलर्भ मुगलकालीन चित्रों, प्राचीन मुर्तियों (पालकालीन) सहित सैकड़ों प्राचीन सिक्कों तथा लगभग 10 हजार छपी पुस्तकों का संग्रह है। कुछ दुर्लभ तथा महत्वपूर्ण चित्र तथा पाण्डुलिपियॉ ऐसी है, जो विषेष रूप से उल्लेखनीय है:- ताड़पत्र पर लिखित महाभारत, शाहनामा, सिकन्दरनामा आदि।

7. डीएम डॉ. सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारी को रिक्त पदों पर पदस्थापन हेतु पत्राचार करने का निदेश दिया।

8. डीएम डॉ. सिंह ने सभी नियमित कर्मियों का सेवापुस्त अद्यतन सत्यापित करने का निदेश दिया। उन्होंने अवकाश लेखा को अद्यतन करने का निदेश दिया। कार्यालय में सभी संविदा कर्मियों का सेवा अभिलेख संधारित करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने आगत-निर्गत पंजी के विहित प्रपत्र में समुचित ढंग से रख-रखाव पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कर्म पुस्तिका में मासिक लेखा तैयार करने का निदेश दिया।

9. अनुमंडल में कुल 246 जनवितरण प्रणाली की दुकानें हैं। स्वीकृत दुकानों की संख्या 262 है। डीएम डॉ. सिंह ने विभागीय दिशा-निदेशों के अनुसार विज्ञापन प्रकाशित कर रिक्तियों को भरने का निदेश दिया।

10. आपदा प्रबंधन में अनुग्रह अनुदान से संबंधित कुल 39 अभिलेख प्राप्त हुए थे, जिसमें से सभी को निष्पादित कर दिया गया है।

11. डीएम डॉ. सिंह द्वारा लोक शिकायत वादों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। कुल लंबित मामलों की संख्या 192 है। 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या शून्य है। डीएम डॉ. सिंह ने लंबित मामलो को भी समयबद्ध ढंग से गुणवत्तपूर्ण निवारण करने का निदेश दिया।

12. डीएम डॉ. सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारी को अस्थायी अग्रिम की राशि का शीघ्र समायोजन कराने का निदेश दिया।

13. जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में वादों के निष्पादन की स्थिति की समीक्षा की गई। भूमि विवाद निराकरण वाद में 42 वाद लंबित है, दाखिल-खारिज अपील वाद में 12 लंबित वाद है तथा लगान निर्धारण वाद में 11 वाद लंबित है। नापी अपील वाद में 3 वाद लंबित हैं। डीएम डॉ. सिंह ने लंबित वादों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया

14. विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह द्वारा नियमित तौर पर जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड-स्तरीय कार्यालयों का निरीक्षण तथा कार्यों का अनुश्रवण किया जाता है। विगत एक माह में उन्होंने चार अनुमंडलों तथा तीन महीना के अंदर चार में से तीन कोषागारों का निरीक्षण किया है। साथ ही उनके द्वारा नियमित तौर पर कार्यालयों, प्रखंडों तथा पंचायतों का भी निरीक्षण किया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

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