राज्य में एक भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर का मछली बाजार न होना सरकार की घोर लापरवाही है

केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा मछली उत्पादन एवं वितरण पर काफी जोर दिया जा रहा है। परन्तु बहुत हद तक सरकारी दावें फाइलों की शोभा बढा रहें हैै। राज्य में एक भी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर का मछली बाजार न होना सरकार की घोर लापरवाही है। मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप का कहना है राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार राजधानी के हर वार्ड में एक मछली बाजार विकसित करे। इसके अलावा बाजार समिति में एक विशेष आधुनिक मछली बाजार का निर्माण हो जहां पर मछली की बिक्री एवं भंडारण आदि की व्यवस्था हो। यहां से राज्यभर के खुदरा मछली विक्रेता मछली ले जाकर अपने शहर में बिक्री कर सके। इसके अलावा राज्य के कोने-कोने के मछली उत्पादकों को राजधानी में एक मछली बाजार उपलब्ध हो सके।
केन्द्र सरकार की ओर से राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत 10 करोड़ से अधिक मछली बाजार के लिए आवंटित है। लेकिन राज्य सरकार इस मामले को लेकर टाल-मटोल करना चाह रही है। ऐसे में मछुआ समुदाय अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा है।


सम्मेलन में उपस्थित संघ के अध्यक्ष, श्री प्रयाग सहनी ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द मछली बाजार का निर्माण करें ताकि गरीब मछुआरों को इसका लाभ मिल सकें नही तो राजधानी में संघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर श्री मदन कुमार, निदेशक, मत्स्य क्रय-विक्रय संघ, श्री मजेदार नाथ सिंहा, निदेशक,COFFED, किशन कुमार, अविनाश कुमार, राजकुमार सिंह, रंजीत कुमार, मोहम्मद जब्बार हुसैन, सोहन कुमार, अमित कुमार, किशोर साहनी, अनिल कुमार, देवेंद्र कुमार, सूरज कुमार, जगनारायण यादव, राजेश कुमार नीलम, भूषण कुमार गुप्ता, मोहम्मद यूसुफ, संजय कुमार, श्रवण कुमार, एवं राकेश कुमार, जय शंकर, मीडिया प्रभारी उपस्थित थे।

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