
बिहार प्रदेश के हजारो निषादों में शोक की लहर है क्योंकि 79 साल की उम्र में इस समाज को एकजुट रखने वाले इंजीनियर हरेन्द्र प्रसाद का अचानक निधन हो गया है ,वे पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे ,उनके अंतिम यात्रा में हजारो की संख्या में निषाद सहित पिछड़े और अति पिछड़े समाज के लोग शरीक हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी |
स्व हरेन्द्र प्रसाद कई सालों से लगातर बिहार भर के निषाद समाज के शैक्षणिक ,वौधिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लगातर संघर्ष करते रहे थे ,धरना प्रदर्शन के माध्यम से वो केंद्र और राज्य सरकार से वो लगातार निषाद समाज की स्थिति को सुधारने के लिए वकालत करते रहे थे |
स्व हरेन्द्र प्रसाद बिहार निषाद संघ के बैनर तले नौ सूत्री मांग को लेकर हमेशा से सरकार पर दबाब बनाते रहे थे जिसका असर हुआ कि हाल ही बिहार सरकार ने बिहार मछुआरा आयोग का पुनर्गठन कर दिया ,इसके अलावे इन्होने निषाद समुदाय के अंतर्गत आने वाले सभी जाति/उप जातियों को एकीकृत कर निषाद कर शीघ्र अधिसूचित कर डेटा जारी करने ,बिहार के प्रत्येक जिला में निषाद गोताखोरी को प्रशिक्षित कर नियमित नियुक्ति किये जाने ,भूमिहीन / गृह विहीन निषाद मछुआरों को आवास निर्माण केलिए जमीन आवंटन किये जाने की मांग को भी प्रमुखता से उठाए जाने का काम किया |
बिहार निषाद संघ के कार्यकारी प्रधान महासचिव सह पटना महानगर प्रभारी धीरेन्द्र निषाद की माने तो पिछले महीने 14 जून को पटना के रविन्द्र भवन में बिहार भर के निषाद समाज का महाजुटान हुआ था जिसमे इंजीनियर हरेन्द्र प्रसाद जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है ,धीरेन्द्र निषाद ने कहा कि स्व हरेन्द्र बाबु का अचानक चले जाना निषाद समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता है लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि उनके द्वारा छोड़े गये अधूरे कार्यों को हम जल्द से जल्द पूरा करें |
रविवार को इंजीनियर हरेन्द्र प्रसाद के अंतिम दाह-संस्कार, शवयात्रा में हजारों हजार की संख्या में संघ के पदाधिकारियों एवं उनके शुभचिंतकों, अनुयायियों, संगी-संबंधी, नाते-रिश्तेदारों ने उपस्थित हुए और अंतिम विदाई दी । अंतिम दाह-संस्कार एवं शवयात्रा में मुख्य रूप से संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर प्रसाद सहनी, धीरेन्द्र निषाद, लाल बहादुर बिंद, श्रीमती कृष्णा देवी, धनंजय कुमार, पप्पू कुमार सहनी, जितेन्द्र प्रसाद, जयराज निषाद, मनोज कुमार चौधरी, सुनील कुमार चौधरी, शंकर चौधरी, अरुण कुमार चौधरी, जयमंगल चौधरी, संजय कुमार सहनी, विजय सहनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रामकृपाल यादव, बिहार राज्य मछुआरा आयोग के उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री अजीत चौधरी, शिवशंकर निषाद, सुरेश सिंह निषाद, छोटे सहनी, सरदार अभिमन्यु सिंह, रघुवीर महतो, प्रो ललन सहनी, कैलाश सहनी, सुरेश प्रसाद सहनी, बैजनाथ सिंह, जयप्रकाश सिंह, विनोद कुमार सहनी,धीरज कुमार निषाद, राजेश सहनी, रविशंकर प्रियदर्शी, गंगा चौधरी, ललन कुमार, डॉ राजकिशोर सिंह, डॉ सतीश कुमार निषाद, रंजन कुमार, रवीन्द्र चौधरी, योगेन्द्र कुमारलिया सहित सैकड़ो लोगों ने हिस्सा लिया |