
आज पटना में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के तरफ से किया गया सम्मान समारोह राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बसेराज गुरीकर महासचिव श्री कमालाकांत त्रिपाठी समेत 28राज्यों के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय कमिटी के पदाधिकारियों को किया गया सम्मानित। प्रदेश अध्यक्ष श्री जयराम शर्मा एवं महासचिव दिनेश कुमार सिंह ने बताया की बिहार के पूर्व अध्यक्ष द्वारा शिक्षकों के लिए बनाया गया भवन को कब्जा करने की साजिस के तहत बिहार से लेकर दिल्ली तक संघठन में जानबूझ कर विवाद खड़ा किया जा रहा है लेकिन बिहार के शिक्षकों ने इसका करारा जबाब दिया है उनके नेतृत्व को नकार कर और अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी जयराम शर्मा अध्यक्ष एवं उनकी कमिटी को मान्यता देकर बिहार में शिक्षक संघठन में व्याप्त गंदगी को दूर करने एवं शिक्षकों के हित में फैसला किया है जिसके लिए हम सभी उनका सम्मान एवं स्वागत करते है।
अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की बैठक में भारत सरकार एवं बिहार सरकार 11सूत्री मांगो को पूर्ण करने का प्रस्ताव रखा है… बैठक में मौजूद थे योगेंद्र तिवारी झारखण्ड, संजय मिश्रा उत्तर प्रदेश, उमाशंकर सिंह उत्तर प्रदेश, एन रंगराजन तमिलनाडु, वाई एस शर्मा तेलंगाना, ए सी एस गणपति राव आंध्र प्रदेश, विनोद ठाकरण हरियाणा, अशोक शर्मा हिमाचल प्रदेश, दिग्विजय सिंह जडेजा गुजरात, सी पी तिवारी मध्य प्रदेश, सोनिया मंगवानकर गोवा, आर सैथिल कुमार पाण्डेचेरी, श्रीमती निशा नई दिल्ली,दीनबंधु दीनदयाल पश्चिम बंगाल, रतूल गोस्वामी असम, मृतुन्जय मारण, मेघालय,विनय श्री पेड़कर महाराष्ट्र, अनीता मेहर पंजाब, चंद्रशेखर नगली कर्नाटक, अब्दुल मजीद केरल, हरीश मारण मध्य प्रदेश, देवीदास बांसवाडे महाराष्ट्र, विनीता भारती झारखण्ड, पी हरगोविंदन केरल, नुनु मनी सिंह बिहार, सूर्यनारायण यादव बिहार, कमलेश कुमार यादव, आनंद मिश्रा, रामदुलारी देवी,मोहमद कुदूस, पवन प्रतापी, रंजन सिंह, यतीन्द्र चौबे, मोहमद नाशुमुद्दीन, उमाशंरण, उमेश सिंह, अभय कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार सिंह, अंजना सिंह, संजय निराला, पंकज पाठक, राकेश कुमार, शशि कुमार, शंकर यादव, मिथलेश यादव राणा झा, अनवरुल होदा, नरगिस नाज़, इंद्राभूषण, अनीश कुमार, मुकेश कुमार, राजेश सिंह बिहार से शामिल थे निम्नलिखित माँग
1. सेवानिवृति की उम्र सीमा पुरे देश में जो अलग अलग है उसको एक समान करते हुए सभी राज्यों के शिक्षकों की सेवानिवृति उम्र कमसे कम 65 वर्ष की जाये।
2. बिहार ही नहीं पुरे देश के शिक्षकों को चिकित्सा भत्ता मात्र 1000₹ही मिलता है ये शिक्षक और उनके आश्रित परिवार जनों के साथ अन्यायपूर्ण स्तिथि है। 1000₹ मासिक में एक व्यक्ति को भी कोई भी अच्छी चिकित्सा बीमा नहीं मिल सकती पुरे परिवार की बात ही अलग है। वर्तमान में कोई भी परिवार बीमारियों से बचा नहीं है ऐसे हालात में शिक्षक हमेशा कर्ज या बड़ी आर्थिक परेशानी में उलझा रहता है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार देश भर के सभी राशनकार्ड धारियों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से 5लाख रूपये तक इलाज की फ्री व्यवस्था करवाती है लेकिन जिस परिवार में कोई शिक्षक हो तो वो इस योजना से वँचित रहेगा ऐसी परिस्थिति में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ देश भर के शिक्षकों के साथ उनके परिवार आश्रितों को कम से कम 10 लाख रूपये तक इलाज के लिए अलग कार्ड निर्गत करवाजाये जिससे शिक्षक और उनका परिवारका समुचित इलाज हो सके और कर्ज और बर्बादी से बचा जा सकता है।
3. NEP 2020 के तहत स्थानीय भाषा में प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है जो स्वागत योग्य है इसके साथ अगर एक पाठ्यक्रम सिलेबस हो तो सभी राज्यों में शिक्षा राष्ट्रीय स्तर एक समान रूप से बना रहेगा।
4. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ बिहार में शिक्षक बहाली के नाम पर शिक्षकों के साथ हो रहें भेदभाव और अन्याय पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता है।बिहार सरकार केन्द्रीय वेतनमान न देकर सरकार बिहार में BPSC से विद्यालय अध्यापक एवं सक्षमता परीक्षा पास कर नियोजित शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक बने शिक्षकों को अलग नाम से अलग कैडर बनाई है जो की सरासर गलत है। ये कहने को तो राज्यकर्मी हैं लेकिन बिहार सरकार इनको केंद्रीय वेतनमान न देकर कृत्रिम वेतनमान दे रही है जो की बिहार सरकार और संघठन के पूर्व के समझौता का उल्लंघन है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ इसके लिए केंद्र सरकार से इसका निदान करवाए।
5.NEP2020 में भारत सरकार एक ही प्रकार के शिक्षक विद्यालयों में रखने पर जोर दिया है तो भिन्न भिन्न राज्यों में अलग अलग नाम तथा अलग वेतनमान पर बहाल शिक्षकों को एक समान वेतन और एक नाम करवाने की कोशिश की जाये जिससे शिक्षकों की आर्थिक, मानसिक एवं सामाजिक हालात में एकरुपता के साथ सुधार हो सके।
6.बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ सेवा काल में मृत शिक्षकों के आश्रितों को ससमय अनुकम्पा का लाभ मिले और वो भी सुगम तरीको से अन्यथा अनुकम्पा के लाभार्थी जिलालत और परेशानी में आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगेंगे और सरकारी योजना या अनुकम्पा का लाभ का कोई उद्देश्य पूर्ण नहीं होगा।
7.बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ को धन्यवाद देते हुए कहता है की पूर्व के निर्णय के अनुसार पुरानी पेंशन योजना से देश भर के शिक्षकों को आच्छादित करने हेतु 2फ़रवरी 2025को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन कर लड़ाई का आगाज कर दिया है। आगे भी पुरानी पेंशन योजना को दिलाने में मजबूत कदम बढ़ाते हुए कार्य करें पुरानी पेंशन योजना शिक्षकों की बुढ़ापे की लाठी है उसको हासिल किया जाये। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ इसके लिए मजबूती से खड़ा है।
8.अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षा में सुधार के लिए राज्य स्तर पर महिला और पुरुष अलग अलग शिक्षक संयोजक नियुक्त वक्र कार्यशाला आयोजित करें जिससे संघठन की स्वीकार्यता जमीनी स्तर तक पहुंच सके।
9.बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षकों से सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने की माँग करता है जिससे शिक्षकों की गरिमा को पुनः स्थापित किया जा सके।
10.बिहार समेत देश में कुल 06राज्यों में विधान मंडल का उच्च सदन स्थापित है जिसमें शिक्षकों के प्रतिनिधि भी चुनाव के तहत निर्वाचित होते है जिसमें मतदाता के रूप में माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक के अलावा उच्च शैक्षणिक संस्थान के शिक्षक एवं प्राध्यापक ही होते है ऐसी परिस्तिथि में प्राथमिक शिक्षकों की समस्याओं पर वे जनप्रतिनिधि समुचित न्याय नहीं कर पाते एवं प्रारम्भिक विद्यालयों के शिक्षक मानसिक रूप से खुद को असहाय महसूस करते है सामाजिक रूप से भी ये बात अपमाजनक लगता है की शिक्षक में ऐसा भेद क्यों?
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ से माँग करता है कि बिहार समेत अन्य राज्यों में जहाँ विधान परिषद है उसमे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी मतदान का अधिकार दिलाने एवं निर्वाचन में भाग लेने के लिए केंद्र सरकार से कार्य करवाए।
11. देश भर में प्राथमिक विद्यालयों में मध्यहान भोजन योजना संचालन के लिए बहुत ही कम मानदेय पर भोजन बनाने एवं खिलाने के लिए रसोईया कि बहाली कि गईं है। महंगाई के इस दौर में सभी रसोईया को कम से कम 15000₹ मासिक दर से भुगतान किया जाये।
उपर्युक्त मांगो को यथा शीघ्र पूरा किया जाये अन्यथा बड़े आंदोलन की घोषणा दिल्ली बैठक के बाद की जाएगी।