
राहुल गांधी का विदेश दौरे के दौरान देश के खिलाफ दिया गया वक्तव्य न केवल शर्मनाक है बल्कि यह देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कांग्रेस के युवराज बार-बार विदेशी धरती पर जाकर भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली, न्यायपालिका और जनता के विश्वास पर प्रश्नचिह्न खड़े करते हैं। दरअसल, राहुल गांधी का यह आचरण इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस पार्टी आज भी भारत की प्रतिष्ठा को गिराने और देश को नीचा दिखाने की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाई है। जिस भारत ने विश्व पटल पर अपनी ताक़त, संस्कृति और लोकतंत्र की मिसाल पेश की है, उसी भारत को बदनाम करना कांग्रेस और उसके नेताओं की पुरानी आदत बन चुकी है।
जब देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और ताक़त का परचम लहरा रहा है, तब कांग्रेस नेताओं का विदेश में बैठकर भारत की संस्थाओं, लोकतंत्र और जनता के खिलाफ झूठ फैलाना केवल उनकी राजनीति की हताशा को दर्शाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस अपनी हार और निराशा को देश की छवि खराब करके छिपाना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का मान-सम्मान लगातार बढ़ा रहे हैँ, यही सफलता कांग्रेस को पच नहीं रही है। इसी हताशा में राहुल गांधी विदेश जाकर झूठ फैलाते हैं और दुश्मन देशों की भाषा बोलते हैं।
हम पूछना चाहते हैं – क्या राहुल गांधी का राजनीतिक अस्तित्व केवल भारत की छवि को धूमिल करके ही बच सकता है? क्या कांग्रेस पार्टी अब देश विरोध को ही अपना एजेंडा मान चुकी है?
राहुल गांधी के इस बयान की कड़ी निंदा करते हैँ आम यह स्पष्ट चेतावनी देते हैँ कि देश की जनता ऐसे गद्दाराना रवैये को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। राहुल गांधी को भारत की जनता से माफी माँगनी चाहिए और कांग्रेस पार्टी को तय करना चाहिए कि वह देश के साथ है या देश विरोधी ताकतों के साथ।