दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में प्राप्त आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का डीएम ने दिया निदेश

समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज राजस्व मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन सहित विभिन्न मामलों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। सरकार द्वारा निर्धारित विभिन्न मापदंडों पर खराब प्रदर्शन करने वाले 15 अंचल अधिकारियों (खुशरूपुर, मसौढ़ी, दानापुर, बाढ़, नौबतपुर, फतुहा, दनियावां एवं मनेर को छोड़कर) का वेतन अगले आदेश तक अवरूद्ध करते हुए उन सभी से स्पष्टीकरण किया गया है। इन मानकों में वादों के निष्पादन की गति, समय-सीमा पार आवेदनों की संख्या, सबसे पुराने मामलों का निष्पादन इत्यादि है। जिलाधिकारी ने कहा कि समय-सीमा पार आवेदनों की संख्या जब तक शून्य नहीं हो जाती तब तक इन अधिकारियों का वेतन स्थगित रहेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि अंचलाधिकारियों को अपने-अपने कार्यालय की कार्य संस्कृति सुदृढ़ करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। इसके बाद कोई मौका नहीं दिया जाएगा। शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता का मामला प्रकाश में आने पर विधि-सम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी। दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए प्रपत्र-क गठित किया जाएगा तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का निर्धारित समय-सीमा के बाद एक भी आवेदन लंबित नहीं रहनी चाहिए। एक महीना के अंदर एक्सपायर्ड आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य कर लें अन्यथा लापरवाह अंचलाधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के बहुत अधिक मामले 63 दिनों से अधिक समय से लंबित है वहाँ जिला-स्तर से टीम बनाकर जाँच करायी जाएगी। अपर समाहर्ता को इस संबंध में आदेश प्रारूप उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। उन्होंने निदेश देते हुए कहा कि हर भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक अंचल का निरीक्षण कर प्रतिवेदन दें। कर्मचारीवार विस्तृत समीक्षा करें।

भूमि सुधार उप समाहर्ताओं एवं अंचल अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व प्रशासन कोर कार्य है। आप सभी को इसी भावना से काम करना चाहिए। फिर भी ऐसा संज्ञान में आता है कि आम लोगों को काफी असुविधा हो रही है। लोगों को काफी शिकायतें हैं। यह अच्छी बात नहीं है। सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन में शिथिलता के विरूद्ध जिला प्रशासन की शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) है। उन्होंने कहा कि आज की तिथि में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या 76,373 है जिसमें 29,844 आवेदन 21 दिन से अधिक तथा 37,094 आवेदन 63 दिनों से अधिक समय से लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत एक सप्ताह में पटना जिला में निष्पादित किए गए वादों की नेट संख्या लगभग 2,500 है। यह प्रशंसनीय है। इस एक सप्ताह में 5,262 आवेदनों को निष्पादित किया गया जबकि 2,750 आवेदन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि खुशरूपुर, मसौढ़ी, दानापुर, बाढ़, नौबतपुर, फतुहा, दनियावां एवं मनेर में वादों के निष्पादन की गति अच्छी है। हम उनके प्रयास की सराहना करते हैं। शेष अंचलों में वादों की प्राप्ति की तुलना में निष्पादन की गति अच्छी नहीं है। एक्सपायर्ड आवेदन की संख्या भी काफी अधिक है। यह खेदजनक है। जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले दिनों समीक्षा में पाया गया था कि लगभग 174 से अधिक मामले अतिक्रमणवाद संधारित करने के लिए विभिन्न अंचलों में लंबित है। यह अच्छी स्थिति नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर निष्पादन नहीं करने, नापीवाद एवं अतिक्रमणवाद का विधिवत संचालन नहीं करने पर दोषी अधिकारियों पर जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को निदेश दिया गया कि दाखिल-खारिज के अपील मामलों एवं बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम (डीएलडीआरए) के तहत मामलों का समय-सीमा के अंदर विधिवत निष्पादन सुनिश्चित करें। साथ ही अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत सभी अंचलों का निरीक्षण करें एवं राजस्व कार्यों का अनुश्रवण कर सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएँ।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला-स्तर से टीम बनाकर हर एक अंचल का निरीक्षण कराया जाएगा। लंबित सबसे पुराने मामलों की समीक्षा की जाएगी। यदि कोई अनियमितता उजागर होती है तो राजस्व कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वे भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय कार्यों की समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को राजस्व मामलों का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने अंचल अधिकारियों को 90 दिन से अधिक समय से अतिक्रमण के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निदेश दिया।

आज की बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में आवेदनों के निष्पादन की स्थिति, मामलों के लंबित रहने के कारण एवं अन्य मानकों पर गहन समीक्षा की।

समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक दाखिल-खारिज के 8,82,657 प्राप्त आवेदनों में से 8,06,284 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। यह प्राप्त आवेदनों का 91.35 प्रतिशत है। अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए डीएम डॉ. सिंह ने पाया कि दिनांक 08 जुलाई, 2024 से 15 जुलाई, 2024 तक पूरे जिले में दाखिल-खारिज के प्राप्त एवं निष्पादित वादों की संख्या क्रमशः 2,750 तथा 5,262 है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने अंचलाधिकारियों को निदेश दिया कि प्राप्त आवेदनों की तुलना में नियमानुसार निष्पादन की गति तेज रखें ताकि बैकलॉग को तुरत खत्म किया जा सके। उन्होंने विशेष प्रयास कर समय-सीमा पार लंबित मामलों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया।

अद्यतन प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि दिनांक 08 जुलाई, 2024 से 15 जुलाई, 2024 तक दाखिल-खारिज के मामले में खुशरूपुर, मसौढ़ी, पंडारक, दानापुर एवं बाढ़ ने अच्छी प्रगति की है जबकि घोसवरी, मोकामा, बेलछी, बिक्रम एवं पुनपुन का खराब प्रदर्शन रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि दाखिल-खारिज के आवेदनों को अस्वीकृत करने में विशेष सावधानी बरतें तथा सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला में यह दर 35.62 प्रतिशत है। इससे अधिक जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत किया गया है वहाँ भूमि सुधार उप समाहर्ता समीक्षा कर प्रतिवेदन देंगे।

जिले में 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा की गई। इस मानक पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बेलछी में 99 मामले, खुशरूपुर में 101 मामले, दनियावॉ में 106 मामले, घोसवरी में 118 मामले तथा मोकामा में 237 मामले लंबित हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में पटना सदर में 4,599 मामले, बिहटा में 4,044 मामले, सम्पतचक में 3,854 मामले, फुलवारी शरीफ में 3,672 मामले एवं दानापुर में 2,606 मामले लंबित हैं। डीएम डॉ. सिंह ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों को स्थिति में तुरत सुधार लाने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर दाखिल खारिज नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु प्रस्ताव उपस्थापित करें।

समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक परिमार्जन के 2,94,267 आवेदनों (98.17 प्रतिशत) को निष्पादित किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने शेष सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया।

दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक परिमार्जन हेतु प्राप्त आवेदनों की निष्पादन की समीक्षा में पाया गया कि सम्पतचक (93.89 प्रतिशत निष्पादन), पटना सदर (94.62 प्रतिशत निष्पादन), नौबतपुर (97.90 प्रतिशत निष्पादन), बिहटा (97.97 प्रतिशत निष्पादन) एवं बाढ़ (98 प्रतिशत निष्पादन) खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में शामिल है। इस मामले में बख्तियारपुर (100 प्रतिशत निष्पादन), दुल्हिनबाजार (100 प्रतिशत निष्पादन), खुशरुपुर (100 प्रतिशत निष्पादन), पंडारक (100 प्रतिशत निष्पादन) तथा फुलवारीशरीफ (100 प्रतिशत निष्पादन) ने अच्छा प्रदर्शन किया है । अद्यतन प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि दिनांक 08 जुलाई, 2024 से दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक परिमार्जन के आवेदनों के निष्पादन में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बख्तियारपुर, बेलछी, बिक्रम, दनियावॉ एवं दुल्हिनबाजार अंचल शामिल है जबकि मोकामा, पटना सदर, बाढ़, दानापुर एवं धनरूआ ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि विभिन्न माध्यमों यथा समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स, लोक शिकायत एवं जनता से साक्षात्कार के क्रम में यह पता चलता है कि दाखिल खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया जाता है एवं बिना उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 एवं बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 में दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की अवधि एवं विधि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि दाखिल खारिज आवेदनों को प्रत्येक स्तर पर यथा दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की कार्रवाई करने वाले प्रत्येक कर्मी/पदाधिकारी द्वारा तय अवधि एवं विधि द्वारा निष्पादित किया जाएगा तथा बिना स्पष्ट/उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत नहीं किया जाएगा। सभी अंचल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दाखिल खारिज आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में फीफो (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) का अनुपालन करें। साथ ही आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में किसी कर्मी/पदाधिकारी द्वारा बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है तथा तय समय-सीमा से अधिक समय लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में अविलंब इस संबंध में जिम्मेदार कर्मी एवं पदाधिकारी को चिन्हित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त कर उपस्थापित करें, दोषी पाए जाने की स्थिति में आरोप-पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलाधिकारी तुरंत अपेक्षित सुधार ले आएँ। उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के तहत समयपार (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, नापीवाद, सार्वजनिक भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण के लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निर्देश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारीवार नियमित समीक्षा करें। साथ ही सभी भूमि-सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारियों के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करें।

डीएम डॉ. सिंह ने राजस्व-कार्यों में संलग्न अधिकारियों को प्रतिबद्धता एवं तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया।

आज के इस बैठक में समाहर्ता के साथ अपर समाहर्ता, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी अंचलों के अंचलाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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