
शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर मानव सेवा संघ द्वारा पटना स्थित वंदना होटल में एक प्रेरणादायक एवं जोशीले कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने की।
शिक्षा: भविष्य की आधारशिला
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. सिंह ने कहा,
“शिक्षक सिर्फ किताबें नहीं पढ़ाते, वे आने वाली पीढ़ियों का चरित्र गढ़ते हैं। बिना शिक्षा के राष्ट्र अंधकार में है, और सशक्त शिक्षा ही समृद्ध भारत का आधार है।”
स्वास्थ्य: समृद्धि की नींव
कार्यक्रम में युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए कहा गया कि“एक स्वस्थ तन और स्वस्थ मन से ही समाज प्रगति करता है। केवल एक स्वस्थ युवा ही देश के लिए काम कर सकता है।”
इस अवसर पर युवाओं से आग्रह किया गया कि वे स्वास्थ्य और अनुशासन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
युवाओं की भूमिका: बदलाव की ताकत
कार्यक्रम में यह जोशीला नारा गूंज उठा—
“युवा जागेगा तो बिहार बदलेगा, बिहार बदलेगा तो भारत चमकेगा!”
डॉ. सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,
“आज का युवा सिर्फ सपनों का नहीं, बल्कि बदलाव का सैनिक है। उनमें साहस, ऊर्जा और नई सोच है, जिससे नया भारत बनेगा।”
स्वदेशी: आत्मनिर्भर भारत का मार्ग
कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए यह संदेश दिया गया:
“स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनाओ।”
वक्ताओं ने कहा कि विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता हमें कमजोर बनाती है, जबकि स्वदेशी उत्पाद हमारी पहचान और ताकत हैं।
“समृद्ध भारत की सोच” पर विमर्श
इस अवसर पर “समृद्ध भारत की सोच” पुस्तक पर विचार-विमर्श हुआ। वक्ताओं ने कहा कि यह पुस्तक युवाओं को नई दिशा, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वदेशी अपनाने की प्रेरणा देती है।
जोशीला आह्वान: राष्ट्र निर्माण का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा:
“डरना मत, थकना मत, रुकना मत… शिक्षा को अपनाओ, स्वास्थ्य को साधो, स्वदेशी को सम्मान दो और ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण में जुट जाओ।”
मानव सेवा संघ का संदेश गूंज उठा:
“शिक्षा से ज्ञान, स्वास्थ्य से बल, स्वदेशी से सम्मान, युवा से समृद्धि।”
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों, छात्रों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि वे मिलकर आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
मुख्य वक्ता एवं सहयोगी
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में इंजीनियर पूर्णानंद, गंगेश, गुंजन, प्रतीक आनंद, विकास मेहता, कुणाल, शुभम, शिवाकांत, प्रभाकर एवं संपूर्ण टीम का सराहनीय योगदान रहा।